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काल सर्प दोष निवारण पुजा - उज्जैन

काल सर्प दोष क्या होता है?
व्यक्ति के जन्मांग चक्र में राहु और केतु की स्थिति आमने सामने की होती है। दोनों 180 डिग्री पर रहते हैं। यदि बाकी सात ग्रह राहु और केतु के एक तरफ हो जाएं और दूसरी ओर कोई ग्रह न रहे, तो ऐसी स्थिति में कालसर्प योग बनता है। इसे ही कालसर्प दोष कहा जाता है। हालांकि कालसर्प योग का निर्धारण करते समय अत्यंत सावधानी बरतनी चाहिए।
काल सर्प दोष के लक्षण क्या है?
1.अत्यधिक परिश्रम के बाद भी कार्यों में मन मुताबिक सफलता न पाना।
2.मानसिक तनाव से ग्रस्त रहना।
3.सही निर्णय न ले पाना।
4.कलहपूर्ण पारिवारिक जीवन।
5.गुप्त शत्रुओं का होना। कार्य में बाधा।
काल सर्प दोष के उपाय क्या है?
1. कालसर्प दोष का सर्वोत्तम उपाय श्रावण मास में भगवान शिव का रुद्राभिषेक कराना है। जिनकी कुंडली में कालसर्प दोष है, उसे श्रावण में रुद्राभिषेक अवश्य कराना चाहिए।
2. शिवलिंग पर मिश्री एवं दूध अर्पित करना चाहिए। साथ ही शिव तांडव स्तोत्र का प्रतिदिन पाठ करना श्रेष्ठ रहता है।
3. अपने घर के पूजा स्थान पर भगवान श्रीकृष्ण की मोर पंख वाली मूर्ति का प्रतिदिन पूजा करें।
4. बहते हुए जल में चांदी से बने नाग और नागिन के जोड़े को विधि प्रकार प्रवाहित कर दें।
5. कालसर्प दोष निवारण के लिए राहु की शांति का उपाय रात में करें। राहु की पूजा शिव मंदिर में रात में या राहुकाल में करें।
अगर आप भी उज्जैन मे काल सर्प दोष निवारण पूजा करवाना चाहते है, तो कांता गुरु जी से संपर्क कर सकते है। और काल सर्प दोष और इसके निवारण के बारे मे विस्तृत जानकारी प्राप्त कर सकते है।

पंडित जी वैदिक अनुष्ठानों में आचार्य की उपाधि से विभूषित है, एवं सभी प्रकार के दोष एवं बाधाओ के निवारण के कार्यो को करते हुए १५ वर्षो से भी ज्यादा समय हो गया है।

महत्वपूर्ण सूचना

1.काल सर्प दोष निवारण पूजा 3 घंटे मे सम्पूर्ण हो जाती है। 
2.पूजा करने वाले व्यक्ति को रामघाट मे स्नान करना होता है। 
3.काल सर्प दोष निवारण पूजा वाले दिन उपवास रखना चाहिए। 
4.पूजा के लिए काले एवं हरे रंग के कपड़े नहीं पहनने चाहिए। 
5।पूजा के बाद कपड़े उज्जैन मे ही छोडने होते है
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